कुत्ता रो रहा था
वही गांव के किनारे
जहाँ इंसानो की बस्ती है !
कुछ कुत्तो को पकड़
आज ले गए थे
आपने साथ
अपनी सोहबत में रखने के लिये !
शायद इसी से
कॉप उठा था उसका अंतरात्मा
की ये कुत्ते भी
इंसानी फितरत
न सिख ले !
हम तो अब तक
वही गांव के किनारे
जहाँ इंसानो की बस्ती है !
कुछ कुत्तो को पकड़
आज ले गए थे
आपने साथ
अपनी सोहबत में रखने के लिये !
शायद इसी से
कॉप उठा था उसका अंतरात्मा
की ये कुत्ते भी
इंसानी फितरत
न सिख ले !
हम तो अब तक
काटते आये है भौंकने के बाद
ये काट खाएंगे
अब इंसान की तरह
जो काटने से पहले कभी भौंकते नही !
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