Showing posts with label लघु -कविता. Show all posts
Showing posts with label लघु -कविता. Show all posts

Thursday 30 August 2018

जंगल मे मारीच

कुछ शोर और क्रंदन है,
शहर के कोलाहल में
ऊंची-ऊंची अट्टालिकाओं में
जंगलो की सरसराहट है।
वो चिंतित और बैचैन है
अपनी "ड्राइंग रूम" में
की अब पलाश की ताप से
शहर क्यो जल रहा है ?
व्यवस्था साँप की तरह फुफकारता तो है
लेकिन प्रकृति के इन दुलारो को
विष-पान किसने कराया है ?
लंबी-लंबी गाड़ियों से रौंदते
इन झोपड़ियों में पहुंच कर
यहाँ के जंगलों में
ये जहर किसने घोला है?
मतलबों के बाजार में
कब कौन खरीदार बन
व्यापार करने लगे, कहना मुश्किल है ।
चेहरे पर नकाब कोई न कोई
हर किसी ने लगा रखा है
फिर व्यवस्था के संग विरोध
या फिर विरोध की व्यवस्था...?
इसलिए तो अब तक
इन जंगलो में मारीच घूमते है
वो हमको और हम उनको छलने मेंलगे रहते है ।।

Sunday 7 August 2016

रस्मी बादल


फिर लौट आया है       
वो कारवां बदलो का,
जो रुखसत हो जाता है जाने कैसे
बिन बरसे ही इन राहों से।
नजर टिकती है हर वर्ष कि भांति
कि अबकी शायद  बरस जाये
 धो दे कहल सब अंतस के।
बहुत गरजते है सब इस मौसम में
लहलहाने को मचलता मन
सींच देगा ये अबकी बार धरा ऐसे
उर्वरकता बस लहलहा उठेगी।
शोर है , कोलाहल भी छाई है
ये मास ही है कुछ ऐसा
बोने को बीज आतुर सब
सुगबुगाहट देशभक्ति चीत्कार सी  लगती ।
बरसेंगे मन सबके, सावन के फुहारों से
कुछ कर गुजरने कि
बयार मन को लहलहा देगा।
हर बार ये ऋत कुछ ऐसा ही लगता है ,
रस्मी बादल जो न शायद बरसता है।
मिट्टी में दरारें नमीं पर प्रश्न करते
अगर बरसते बादल तो ये कैसे इतना दरकते।।
फिर लौट आया है
वो कारवां बदलो का
जो रुखसत हो जाता है जाने कैसे
बिन बरसे ही इन राहों से।      

Monday 26 October 2015

......दरार ...

दरारें दिखती है    
दरकती और दहकती सी 
सब कुछ खामोश है ,
बस जैसे ऊपर वाष्प आच्छादित हो 
और नीचे पानी में उबाल है। 
मौन अंदर ही अंदर चीखता है 
काश कोई दिल की आवाज सुने 
किस कदर प्यासे है 
जैसे की धरती अब बंजर हो चली हो। 
आक्रोश और नफरत 
भरे बाजार बिक रहे है 
प्रेम के सौदाई ने नए मुकाम गढ़े 
और नफरत को प्रेम से दिल में बसाया है। 
हकीकत है कि चिंता के लिए 
सभी चिंतित होते है 
रहनुमाओ की फ़ौज तलाश रही है 
इन चिन्ताओ को अपने रहनुमा के लिये। 
अपने ढर्रे पे  तो जिंदगी  लौट ही आती है
कभी रुकी तो नहीं 
बस कुछ के सितारे विलीन हो जाते 
और कितनो के सितारे इसमें चमक जाते है।