रौंद कर सब शब्द
उससे गुजर गए,
कुछ दिल को भेद
कुछः ऊपर से निकल गए।
अलग-अलग करना
अब मुश्किल है,
जिंदगी जहर बन गया
नहीं तो जहर जिंदगी मे घुल गये।
लानत और जिल्लत के बीच
वो खुद को ढूढ़ रहा था,
जलालत की सब बातें जब से
इंसानी सरोकारों में मिल गए।
सबने चिंता दिखाया
कल के लिये सब बैचेन दिखे,
कुछ को देश निकाला मिला तो
कुछ को समुन्दर मे डुबों दिये।
बदलेगा क्या
ये तो वक्त बताएगा,
किन्तु सब भाव अब
वोट के कीमत मे सिमट गये।
जो जरिया है और
तरक्की का पैमाना है बना,
उस लोकतंत्र में चुनाव ने
सारे पैमाने बदल दिये। ।
उससे गुजर गए,
कुछ दिल को भेद
कुछः ऊपर से निकल गए।
अलग-अलग करना
अब मुश्किल है,
जिंदगी जहर बन गया
नहीं तो जहर जिंदगी मे घुल गये।
लानत और जिल्लत के बीच
वो खुद को ढूढ़ रहा था,
जलालत की सब बातें जब से
इंसानी सरोकारों में मिल गए।
सबने चिंता दिखाया
कल के लिये सब बैचेन दिखे,
कुछ को देश निकाला मिला तो
कुछ को समुन्दर मे डुबों दिये।
बदलेगा क्या
ये तो वक्त बताएगा,
किन्तु सब भाव अब
वोट के कीमत मे सिमट गये।
जो जरिया है और
तरक्की का पैमाना है बना,
उस लोकतंत्र में चुनाव ने
सारे पैमाने बदल दिये। ।