इसी दौड़ - दौड़ के जीने का मजा है
दौड़ने को न मिले मौका वो जिन्दगी सजा है ।।
जियो मस्ती में |
सीरियल को देख के समय ना गबाओ
कुछ समय माँ के चरणों में भी बिताओ।।
रेत पे नंगे पाँव टहलने वाले अब भी टहलते है
जो चैनल् में है उलझे उनका मन कहा बहलते है।।
रखने वाले इन्टरनैट के साथ पड़ोस का भी हल रखते है
दोस्ती निभाना जानो तो ऐसे तार भी मिलते है।।
जिन्हें प्रकृति से प्यार है उन्हें सब याद है
डूबते और उगते सूरज बीती नहीं ,आज की ही बात है।।
कमबख्त इस दुनिया में अभी भी बहुत मजा है
आप लूटना न जानो तो ये आपकी सजा है।।
पल-पल को गुजरे वक्त से जोड़ना बेमानी है
हर पल को जो न जिए उसकी नादानी है।।
कल गुजर गए आज बस आज का ही राज है,
जो जिए इन पलो को वही असली महाराज है।।
...बहुत ख़ूबसूरत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteशुक्रिया
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