Saturday, 18 January 2020

मुद्दें.....

                        मुद्दों में मुद्दा इतना ही है कि देश मे मुद्दों की कमी नही है। हम तो इसी मुद्दों पर लड़ रहे थे। अब ये भी कोई बात है कि आप मुद्दों का ट्रैक ही चेंज कर दे। किसी दौड़ में अगर कोई अपना लेन बदल देता है तो उसे डिसक्वालिफाई कर देते है। अब यहाँ सरकार की कोई नैतिकता ही नही है। मुद्दों का पूरा ट्रेक बदल दिया। आखिर देश में अब तक गरीबी हटाओ, बेरोजगारी भगाओ, भ्रष्टाचार मिटाओ, महगाई डायन मारो और पिछले कुछ वर्षों से राम मंदिर बनाना है, पाकिस्तान को सीखना है, इस मुद्दों पर ही चुनाव होता आया है।अब आपने ये क्या उसमे एन आर सी, सी ए ए जैसे मुद्दों को जबरदस्ती घुसा दिया है।अब यार भोली जनता पर भी रहम करो। आखिर जनता का टास्क तो बढ़ गया। इस तरह  अगर मुद्दों की फेहरिस्त बढ़ती जाएगी तो जो जनता पहले से मुद्दों के बोझ तले दबे हुए है,वो और भार कैसे उठाएंगे..?इसलिए तो हम साफ-साफ कह रहे है कि ये जो नए मुद्दे आपने भोली-भाली जनता के ऊपर एन आर सी और सी ए ए का डाल दिया है। उसे वापस ले ले। हम वही पुराने सास्वत मुद्दे को ही रहने दे। आखिर सरकार ही तो बनाना है, बाकी तो देश पहले भी चल रहे थे और आगे भी चलेंगे।लेकिन जो सरकार मुद्दों की सास्वतता को जड़ से मिटाने का प्रयास करे तो वो जनता के साथ सही में अन्याय करती है। पुराने मुद्दों के खत्म होने से नए मुद्दों को ढूंढना भी तो एक दुरुह काम है और फिर उसके बारे में जनता को बताना तो उससे भी कठिन। फिर बेचारी भोली-भाली जनता आखिर अपने दिनचर्या में ऐसे दबा हुआ है। फिर वो कैसे समय निकाल कर इन नए मुद्दों पर अपनी राय को कायम करे । बेशक भ्रष्टाचार कुछ कम होने की खबर हो और राम मंदिर भी न्यायालय द्वारा सुलझ गए हो। फिर भी पुराने मुद्दे कई है, आप ये नए मुद्दे उछाल कर, पार्टी तो गोते लगा ही रही है, जनता को क्यो उछालने में लगे हो...?

1 comment:

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