जब प्रधानमंत्रीजी छात्रों को परीक्षा के टिप्स बांट रहे थे उस समय नड्डा जी अध्यक्ष के छात्र रूप में चुन लिए गए। परीक्षा तो अब इनकी कक्षा में कई होने लेकिन अगला पेपर बहुत जल्दी दिल्ली में होने वाला है। इनकी तैयारी का जायजा उसके बाद ही लिया जाएगा। कल आज और कल के कई मार्गदर्शक अलग अलग भाव भंगिमा में लिए नए अध्यक्ष को शुभकामनाएं देने कर्तव्यानुसार उपस्थित हो गए। नड्डा जी वैसे तो हिमाचली है लेकिन बिहारीपन ज्यादा है।
वैसे नड्डा जी ने अपना भाषण समाप्त करते हुए सिर्फ "जय भारत" का उद्घोष किया। जबकि उनके पूर्ववर्ती सदा की भांति भारत माता की जय और अंत मे वंदे मातरम के साथ अपना उद्घोष समाप्त किया। नड्डा जी की इस "जय भारत" सांकेतिक उद्घोषणा सामान्य माना जाय या अपने कार्यकाल में वो पार्टी के सिलेबस में कोई बदलाव की तैयारी है।इस पर राजनीतिक विश्लेषक चिंतन की नई लकीर खिंच सकते है।
वैसे उनके पूर्ववर्ती ने जो लकीर खिंच दी है,उससे बड़ी लकीर खीचना वाकई में नड्डा जी के लिए एक दुरूह कार्य होगा। लेकिन अब जब उन्होंने ये दायित्व लिया है तो अवश्य उसके लिए प्रयत्नशील रहेंगे।...नड्डा जी को अध्यक्ष चुने जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।।
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (22-01-2020) को "देश मेरा जान मेरी" (चर्चा अंक - 3588) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'